दोस्तों, आपने कई मोटिवेशनल आर्टिकल पढ़े होंगे, कई स्पीकर्स के भाषण सुने होंगे। पर उनमे से कितनी बातों को आपने अपने अन्दर उतारा और अपनाया..?? ध्यान नहीं आ रहा ना. क्योंकि हर स्पीकर और लेखक की अपनी भाषा शैली होती है, पर आज हम आपसे अपनी सीधी सादी लोकल hinglish भाषा में बात करेंगे, और खुल के बात करेंगे। ज़िन्दगी में आगे कौन नहीं बढ़ना चाहता, पर कैसे…? हर कोई यही सोच रहा है.. आज आपको उसका सबसे पहला और आसान फंडा बताता हूँ, अगर आपको आगे बढ़ना है तो पहले अपनी सोच को बड़ा रखिये क्योंकि सोच बड़ी होगी तो सपने भी बड़े होंगे और साथ ही आपके हौंसले भी बड़े होंगे। हम सभी लोग जब बड़े सपनें और बड़ी सोच रखने की कोशिश करते हैं तो न जाने कहाँ से हमारे मन में कमबख्त
अशिक्षित, अज्ञानी व्यक्ति पशु के समान है जो अपने जीवन में कभी कोई पात्रता हांसिल नहीं कर सकता। शिक्षा मनुष्य के जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। यह मनुष्य को समाज में प्रतिष्ठित करने का कार्य करती है। इससे मनुष्य के अंदर मनुष्यता आती है। शिक्षा से समाज, परिवार और देश में सुसंस्कृत भावनाओं का विकास होता है।
लेकिन ज्ञान पाने के लिए निजी सुख-सुविधाओं का त्याग करना बहुत ज़रूरी है। कठिन परिश्रम और त्याग करके ही ज्ञान हासिल किया जा सकता है। जिस इंसान को केवल सुख की अभिलाषा हो उसे विद्या की आशा छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि आलसी व्यक्ति कभी भी विद्या रुपी धन को हासिल नहीं कर सकता, जो की संसार का सबसे बड़ा धन है। यह कभी ख़त्म नहीं होता बल्कि बांटने पर दुगना होता जाता है।
हर कोई यही सोच रहा है.. आज आपको उसका सबसे पहला और आसान फंडा बताता हूँ, अगर आपको आगे बढ़ना है तो पहले अपनी सोच को बड़ा रखिये क्योंकि सोच बड़ी होगी तो सपने भी बड़े होंगे और साथ ही आपके हौंसले भी बड़े होंगे। हम सभी लोग जब बड़े सपनें और बड़ी सोच रखने की कोशिश करते हैं तो न जाने कहाँ से हमारे मन में कमबख्त
शिक्षित होना एक तपस्या के समान है, जहां हर प्रकार के सुख का त्याग करना होता है। एक बार जिस व्यक्ति ने अपने जीवन में यह त्याग किया उसके लिए कोई भी काम फिर मुश्किल नही रहता। शिक्षित व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली हर चुनौती के लिए तत्पर रहता है, सजग रहता है।
- १. बड़ी सोच क्यों ज़रूरी है, इसका फायदा क्या है?
- २. मुझसे नहीं होगा, मेरे बस की बात नहीं है.
- ३. यार, लोग क्या कहेंगे?
और न जाने क्या क्या..
तो आइये इन सब points पर बारी बारी बात करते हैं।
१- बड़ी सोच क्यों ज़रूरी है
आपको याद होगा, बचपन में drawing का subject होता था, जिसमे कोई चित्र बना होता था और हमें उसके अन्दर रंग भरने होते थे। अगर रंग लाइन से बाहर गया तो मार्क्स भी कट जाते थे। दोस्तों, हमने अपने जीवन को भी कुछ वैसे ही बना लिया है, हमने अपने चारों ओर एक छोटी सी दीवार (Boundary) बना ली है। और हम उस लाइन से बाहर निकलने में डरते है, हमने उसी लाइन को अपनी ज़िन्दगी मान लिया है। हम रिस्क नहीं लेते और उसी दायरे में अपनी पूरी ज़िन्दगी काट लेते हैं। और अगर कोई आदमी अपनी boundary को तोड़कर कुछ बड़ा करता है तो हम उसे देखकर बड़े खुश होते हैं- “वाह! क्या बात है. बंदा आज कहाँ से कहाँ पहुँच गया” लेकिन खुद कभी अपने दायरे से बाहर नहीं निकल पाते। खुद को हमने सीमित बना लिया है। और अगर हमें उस दायरे को तोड़ना है तो सोच तो बड़ी रखनी ही होगी, वो अंग्रेजी में कहते है न- ‘Think Out of the Box’
२- इसका फायदा क्या है
वैसे तो इसके कई फायदे हैं, पर आपको एक बात और पता होगी की ये सोच को control करना आपके अपने हाथ में है, हम ये नहीं कह रहे की आप हमेशा बड़ा सोचे। आपको अपनी सोच को ऐसा बनाना होगा कि वह समय और परिस्तिथि के हिसाब से काम कर सके। मान लीजिये आपको नदी पार करनी है, तो आपके दिमाग में उसे पार करने के लिए सबसे पहले क्या आएगा- ‘नांव’ और अब अगर आपको समुद्र पार करना है तो मन में क्या आएगा- ‘जहाज़’। बस यही बात को ध्यान में रखना ज़रूरी है की बड़ी सोच का मतलब यह नहीं की नदी भी पार करनी हो तो आप जहाज़ के बारे में सोचना शुरू कर दें।
बड़ी सोच का दूसरा फायदा यह है की आप इससे कहीं न कहीं अच्छी जगह पहुँच ही जाते हैं। मान लीजिये आपने सोचा मुझे वर्ल्ड का सबसे बड़ा डॉक्टर बनना है, तो अगर आप वर्ल्ड के नहीं तो एशिया के सबसे बड़े डॉक्टर तो बन ही जायेंगे, अगर एशिया के भी नहीं तो इंडिया के सबसे बड़े डॉक्टर बन जायेगें। परन्तु उसके बाद भी आपको हार नहीं मानना है, अपनी सोच को इंडिया तक सीमित नहीं करना है, सोच बड़ी ही रखना है.. लेकिन अगर आप सोचेंगे की मुझे तो बस छोटा मोटा डॉक्टर बनना है, घर चलाना है, पेट पालना है, तो आप यकीन मानिए आप वह भी नहीं कर पायेंगे।
३- मुझसे नहीं होगा
हमेशा याद रखिये, हर बड़े काम की शुरुवात छोटे से ही होती है। हर इंसान जो आज सफल है, उसने भी कभी बहुत छोटे से ही शुरुवात की थी। हम जितने भी सफल व्यक्तियों को देखते हैं, वे सब भी कभी हमारी ही तरह थे, और उन्होंने भी एक छोटी सी शुरुवात की थी। बिल गेट्स ने अपने घर के पीछे वाले कमरे से बिज़नेस शुरू किया और वही शुरुआत आज विश्व की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट बन कर हमारे सामने है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम बचपन में रोज सुबह अखबार बांटने जाया करते थे और आगे चलकर उन्ही ने हमारे देश का नाम रोशन किया।
इन लोगो की शुरुआत चाहे छोटी थी, लेकिन सोच हमेशा बड़ी थी। ऐसा नहीं की इन लोगो को कभी डर नहीं लगा होगा या कभी हतोत्साहित नहीं हुए होंगे। इन्हें भी डर लगा होगा, इन्हें भी मंजिले मुश्किल लगी होंगी, लेकिन याद है न- ‘डर के आगे जीत है’ और हां याद रखियेगा- ‘Start small-Think big’
४- “सबसे बड़ा रोग – क्या कहेंगे लोग”
आपने भी अपने घर वालों से कई बार सुना होगा- ‘चार लोग क्या कहेंगे’। और सुनने के बाद आपके दिमाग में भी आया होगा की साला ये ४ लोग हैं कौन? असल में वो चार नहीं चालीसों लोग हैं। आप अपने आस पास जितने लोग को देखते हैं, उन सब में अन्दर कहीं न कहीं आपको वो चार लोग दिख जायेंगे.. मतलब हमारे आसपास के माहौल में कई लोग ऐसे मिल जायेंगे जो कहेंगे-
तेरे बस की बात नहीं है.
शक्ल देखी है अपनी.
भाई इतना आसान नहीं है.
अपने मार्क्स देखे हैं.
और न जाने क्या क्या बोलते रहेंगे। पर दोस्तों आज मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूँ. कि आपको इन लोगो पे ज़्यादा विश्वास है या खुद पे? आप खुद को बेहतर जानते हैं या ये लोग आपके बारे में ज़्यादा जानते हैं? आप अपनी ज़िन्दगी इन लोगो की तरह से चलाना चाहते हो या अपनी तरह से..?? ये ज़िन्दगी दोबारा चांस नहीं देती। यह कोई रिहर्सल नहीं चल रही है, यह ज़िन्दगी है। जो समय आपने गवां दिया वो चला गया, अब रिटेक नहीं हो सकता।
जब आपके अन्दर पूरी क्षमता है, आप पूरी तरह सक्षम हैं तो खुद को इन लोगो की वजह से क्यों पीछे रखे हुए हैं? लोगो का तो काम है कहना… दोस्तों, ज़रा याद करो आज से करीब १० साल पहले जब हम छोटे थे, तब भी हमारे कुछ सपने थे. लेकिन वो सपने आज कहीं दब कर रह गए, हम कभी पूरे नहीं कर पाए.. बुरा लगता है ना… अब सोचिये आज आपके जो सपने हैं, मुकाम है, आने वाले १० साल में आपने उन सभी को हासिल कर लिया तो आपको कैसा लगेगा… पर उसके लिए आपको आज से ही बदलना होगा, आज से ही सोच बड़ी करनी होगी…समझे गुरु… तो सोच बढाओ, लक्ष्य बनाओ और सीधे काम पर लग जाओ…